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अरुण तिवारी - search results
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वर्तमान से जूझती कविता : कवि हैं अरुण तिवारी
आज के सवाल हैं कि आज ही जवाब दो।नदी जिये या जल मरें,
बची रहे श्री सदा
ऐसा भी कमाल हो,
सत्ता ही दलाल हो, तो
क्यों न...
लम्बी कविता : कवि अरुण तिवारी
लम्बी कविताअन्धकार की बातें करते बीत गए यूँ साल भतेरे
अन्धकार की बातें करते
बीत गए यूँ साल भतेरे
तुमने जाने क्या सोचा है
मैंने तो बस यह...
अरुण तिवारी का खुला ख़त धर्माचार्यों के नाम
खुला ख़त धर्माचार्यों के नाम " संदर्भ " गंगा-यमुना में मूर्ति विसर्जन पर रोक और विरोध-----------------------------------------------------------------------------धर्म जगत के सभी आचार्यो को प्रणाम।मूर्ति विसर्जन पर...
अरुण तिवारी की कविताएँ
कविताएँ1. मकां बनते गांव
झोपङी, शहर हो गई,
जिंदगी, दोपहर हो गई,
मकां बङे हो गये,
फिर दिल क्यांे छोटे हुए ?
हवेली अरमां हुई,
फिर सूनसान हुई,
अंत में जाकर
झगङे...
पुस्तक समीक्षा : बहस का मंच बनने को तैयार एक जंगल बुक – वाइल्डलाइफ...
पुस्तक " वाइल्डलाइफ इण्डिया@50 " की समीक्षाजंगलात को आइना दिखाती एक जंगल बुकसमीक्षक: अरुण तिवारीजब दिमाग और दुनिया...दोनो का पारा चढ़ रहा हो, खुशियों...
असम की बाढ़ : कारण और निवारण के बीच फंसे लोग
- अरुण तिवारी -
असम में बाढ़ कोई नई घटना नहीं है . किन्तु मानसून के पहले ही चरण में बाढ़ का इतना ज्यादा टिक...
डॉ. इंदुशेखर तत्पुरुष को पं. बृजलाल द्विवेदी स्मृति अखिल भारतीय साहित्यिक पत्रकारिता सम्मान
प्रो. संजय द्विवेदी ने बताया कि यह पुरस्कार प्रतिवर्ष हिंदी की साहित्यिक पत्रकारिता को सम्मानित करने के लिए दिया जाता है। इस अवॉर्ड...
गैरसेण : बिन पानी, कैसी राजधानी
-अरुण तिवारी--बंद हो गैरसेण को राजधानी बनाने के बहकावे का खेल-
उत्तराखण्ड राज्य बने 20 वर्ष, 06 महीने से अधिक हो गए। गैरसेण को राजधानी...
चारधाम ऑल वेदर रोड और गंगा एक्सप्रेस-वे – बहस इन पर भी हो
अरुण तिवारीनदियों के अविरल-निर्मल पक्ष की अनदेखी करते हुए उनकी लहरों पर व्यावसायिक सवारी के लिए जलमार्ग प्राधिकरण। पत्थरों के अवैध चुगान व रेत...
किसान आंदोलन : अब पूरी बात हो
- अरुण तिवारी -
किसान आंदोलन स्थल की सड़कों पर कील, तार और दीवार लगा दी गई; बिजली-पानी के कनेक्शन काट दिए गए। हमने मंत्री-प्रधानमंत्री...